मांगा जो खुदा से"रोहित"ये जहां मैं, कुबूल ए दुआ हो तुम...... मांगा जो खुदा से"रोहित"ये जहां मैं, कुबूल ए दुआ हो तुम......
यूँ महकती है मित्रत्व पर ज्यूँ मुस्काती जयमाल गले हो। यूँ महकती है मित्रत्व पर ज्यूँ मुस्काती जयमाल गले हो।
अब जानो कैसे हुआ मेरा उद्गम, कैसे आयी हूँ धरती पर, सवर्प्रथम बसी थी बर्फीले पर्वतों अब जानो कैसे हुआ मेरा उद्गम, कैसे आयी हूँ धरती पर, सवर्प्रथम बसी थी बर्फील...
सर - सर चली मैं सरिता बनी सतत समग्र चलने लगी प्रवाहिनी। सर - सर चली मैं सरिता बनी सतत समग्र चलने लगी प्रवाहिनी।
वृक्ष कभी न भेद करे, सबको खाने को फल देता है। वृक्ष कभी न भेद करे, सबको खाने को फल देता है।
मेरा था कत्ल ना जाने हुआ तुझसे ऐ कातिल। मेरा था कत्ल ना जाने हुआ तुझसे ऐ कातिल।